कैलाश सुशील नर्सिंग संस्थान परोरा ,गणेशपुर के सभागार में हिन्दी दिवस पर परिचर्चा आयोजित

ब्यूरो रिपोर्ट
पुर्णिया। कैलाश सुशील नर्सिंग संस्थान परोरा ,गणेशपुर के सभागार में हिन्दी दिवस पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के शिक्षक डॉ0 एस के सुमन ने किया मौके पर संस्थान के चेयरमेन & डायरेक्टर रंजीत रमण जी ने कहा हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता,अखंडता ,समानताकी पहचान दिलाने के साथ एक सूत्र में बांधने का काम करती है । हिंदी हमारे देश के सम्मान और महत्व को दर्शाता है। यह दिवस हमें हमारी संस्कृति, हमारी पहचान, और हमारी मातृभाषा के प्रति जागरूक करता है।हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। यह हमारी संस्कृति, हमारी कला, और हमारी साहित्य की अभिव्यक्ति का माध्यम है।वहीं मौके पर संस्थान के शिक्षक राघव जी ने कहा हिंदी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारी भाषा हमारी शक्ति है, हमारी पहचान है, और हमारी संस्कृति का प्रतीक है। इस दिवस पर, हमें अपनी भाषा के प्रति गर्व करना चाहिए, इसका सम्मान करना चाहिए, और इसका प्रयोग करना चाहिए।साथ ही संस्थान की शिक्षका पूजा कुमारी अपने सम्बोधन सभी से अपील की और कहा की मैं आप सभी से अपील करती हूँ कि हिंदी को अपनाएं, हिंदी को बढ़ावें और हिंदी को अपनी पहचान के रूप में स्वीकारें।संस्थान के अकाउंटेंट निखख्त परवीन ने अपने सम्बोधन में कही हम सभी भाषाओं को सम्मान करती हूँ,और करूंगी सभी व्यक्ति को सभी भाषा का ज्ञान लेनी भी चाहिए ,लेकिन हिंदी हमारी मातृ भाषा है ,जो हमारे भारत के अरबो व्यक्ति ही नही जो भारतीय मूल के लोग दूसरे मुल्क में रहते है उनके लिए भी हिंदी एक सम्मान का प्रतीक है। संस्थान के डायरेक्टर सह चेयरमैन रंजीत रमण ने हिंदी दिवस पर पुनः कहा किअगर कोई अनाथ बच्चे नर्सिंग के क्षेत्र में प्रशिक्षण लेना चाहते है तो हमारे संस्थान आये हमारा संस्थान निशुल्क शिक्षा देकर उनको आत्मनिर्भर बनाएगा,ताकि समाज राज्य राष्ट्र की सेवा कर सके।मौके पर संस्थान के शिक्षक डॉक्टर एस के सिन्हा , प्रियशी मैम , मोनिका मैम , जयकांत सर ,विजय पासवान,डाँ0 एस के सुमन, ने अपने अपने भाषण से हिंदी के महत्व को समझाया। संस्थान के छात्रा शिम्पी कुमारी,अनिशा कुमारी,सिमरन कुमारी,नेहा कुमारी,रंजन कुमार,शुभम कुमार,अनुपम कुमार रानी कुमारी, नीलम कुमारी,कौशल कुमार ,इंद्रजीत कुमार, रवि कुमार ,पुरषोत्तम कुमार आदि सभी ने हिंदी दिवस पर भाषण दिया और कविता पाठ की।










































