डीएम ओर कमीश्नर को सरकार ने वढ़ाई शक्ति

ब्यूरो रिपोर्ट

पटना। राज्य सरकार ने डीएम एवं कमीश्नर की शक्ति में इजाफा किया है। मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत चयनित होने वाली योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी को भी दिया गया है। सरकार के निर्णयानुसार आयुक्त को ढाई करोड़ एवं डीएम को एक करोड़ की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार दिया गया है। साथ ही सरकार ने मुआवजे के लिए भी डीएम की आर्थिक शक्तियों में इजाफा किया है। इससे जमीन अधिग्रहण के कार्यों में तेजी लाने में सहायता मिलेगी।केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिग्रहित की जाने वाली भूमि का मुआवजा देने के मामले में आयुक्त और डीएम की आर्थिक शक्तियों में बढ़ोतरी किया है। अब मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत चयनित योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी के पास भी होगा। सरकार के निर्णयानुसार आयुक्त को ढाई करोड़ एवं डीएम को एक करोड़ की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार दिया गया है।इसके साथ ही सरकार ने मुआवजे के लिए भी डीएम की आर्थिक शक्तियों में इजाफा किया है। इससे जमीन अधिग्रहण के कार्यों में तेजी लाने में सहायता मिलेगी।केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिग्रहित की जाने वाली भूमि का मुआवजा देने के मामले में आयुक्त और डीएम की आर्थिक शक्तियों में बढ़ोतरी हुई है।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने रैयत को मुआवजा देने, प्राक्कलन तैयार करने और भूमि अर्जन पंचाट घोषणा में डीएम के निर्णय लेने की आर्थिक शक्ति को बढ़ा दिया है।दर्जनों योजनाओं के लिए चल रही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया केंद्र राज्य सरकार की दर्जनों परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। अधिग्रहित भूमि का प्राक्कलन और प्रतिकर राशि के निर्धारण आदि को लेकर जिला स्तर पर डीएम और प्रमंडल स्तर पर आयुक्त अधिकृत हैं। भूमि का कितना मुआवजा देना होगा, इसका प्राक्कलन प्राधिकार करता है।

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