सदर डीसीएलआर का विडियो हुआ वॉयरल, धमकी ओर रिश्वत लेने की करती है बात

डीसीएलआर की क्रिया- कलाप जांच की उठी मांग
खगड़िया में भष्ट्राचार की बह रहा है गंगोत्री

ब्यूरो रिपोर्ट
खगड़िया में पदाधिकारियों द्वारा भष्ट्राचार की गंगत्री बहे जाने एवं आम लोगों के साथ कुशल व्यवहार नहीं होने किये जाने के मामले सामने बराबर सुनने को मिल रहा है,जो सुशासन कहे जाने वाले एनडीए गठबंधन नितीश कुमार की सरकार की कुव्यवस्था की पोल खुलते नजर आ रही है। ऐसा ही मामला शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक विडियो खगड़िया भुमि उपसमहर्ता स्वाति कुमारी का वॉयरल हो रहा है जो खुले रुप से रिश्वत लेने की बात स्वीकार करते हुए शिकायतकर्ता के साथ बदतमीजी पर उतर कर भला बुरा कह रही है। बताया जा रहा है की मामला जमीन से जुड़े संबंधित मामला मानसी चुकती निवासी भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता डा० सलील कुमार के साथ कर रही है जो की एक पदाधिकारी को इस तरह की हरकत शोभा नहीं देता है। हलांकि जिस तरह आरती कुमारी आग बबुला हो रही है ओर रिश्वत लेने की बात स्वीकार कर रही है, इससे लगता है की खगड़िया में भष्ट्राचार चरम सीमा पर है ओर पदाधिकारी रिश्वत लेकर मनमाने तरीके से कार्य कर रहा है। आरती कुमारी द्वारा जिस तरह से पीएम, सीएम की चुनौती दे रही है इससे लगता है की डीसीएलआर स्वाति कुमारी अपने किये गये कुकृत्य को छुपाने की प्रयास कर रही है, हलांकि यह मामला जांच का विषय है लेकिन एक पदाधिकारी द्वारा इस तरह व्यहार एवं किये गये कुकृत्य मानवाधिकार के खिलाफ है।ओर यह मामला मानवाधिकार आयोग सहित न्यायालय में जाने योग्य बनता है। इस संबंध में पीड़ित डा० सलील कुमार ने प्रमंडलीय आयुक्त मुगेंर एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है।
मामला वाद संख्या-5/24-25 में गलत निर्णय देने का आरोप का है। भाजपा नेता और मामले के पक्षकार चुकती निवासी डॉ. सलिल कुमार ने डीसीएलआर पर दूसरे पक्ष से प्रभावित होकर निर्धारित तिथि से पहले आदेश जारी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इस मामले में कई ठोस साक्ष्य हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर प्रस्तुत किया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि शिकायत करने पर डीसीएलआर ये भी कह रही हैं कि हां इस कार्य के लिए मैंने 2 करोड़ रुपए लिए हैं। शिकायतकर्ता ने एक वीडियो भी उपलब्ध कराया, जिसमें डीसीएलआर स्वाति कुमारी 2 करोड़ लेने की बात स्वीकार रही है। हलांकि वॉयरल विडियो की उत्तर शक्ति डॉट कॉम पुष्टि नहीं करती है। लेकिन यह मामला न केवल न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
नियम विरुद्ध कार्य के शिकायत भर भड़क गई डीसीएलआर, गार्ड से कहा- भगाओ इन लोगों को
भाजपा नेता ने अंकित सिंह चंदेल ने बताया कि बगैर नोटिस किए निर्धारित तिथि से पहले सुनवाई और आदेश कैसे निर्गत किया गया? उक्त बातें जब डीसीएलआर से पूछा गया तो वे भड़क गई, और गार्ड से शिकायत लेकर पहुंचे शिकायतकर्ता को भागने को कह डाली। ऐसे में सवाल उठता है कि अधिकारी उगाही कर गलत करते रहे और पक्षकार चुपचाप उनका फैसला सुनते रहे। चंदेल ने बताया कि इस भ्रष्ट डीसीएलआर के मनमानी की
शिकायत मंत्री से की जाएगी।
आरोप-
तिथि से पहले सुनवाई और आदेश का आरोप
डॉ. सलिल कुमार के अनुसार, पिछली सुनवाई की तिथि 25 अक्टूबर 2024 को भी जिसमें डीसीएलआर के अनुपस्थित रहने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी और अगली सुनवाई की तिथि 23 नवंबर 2024 को निर्धारित थी। लेकिन, निर्धारित तिथि से पहले 12 नवंबर 2024 को ही गुपचुप तरीके से आदेश जारी कर दिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि सुनवाई निर्धारित तिथि से पहले करने की स्थिति में पक्षकार को नोटिस भेजा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष से 2 करोड़ रुपए की मोटी रकम लेकर उनके खिलाफ गुपचुप तरीके से निर्णय दिया गया है। जो डीसीएलआर के भ्रष्ट मानसिकता को दर्शाता है।
सवालों के घेरे में डीसीएलआर का रवैया
भाजपा नेता अंकित सिंह चंदेल ने बताया कि शिकायतकर्ता जब इस मामले को लेकर डीसीएलआर से सवाल पूछने पहुंचे, तो डीसीएलआर स्वाति कुमारी ने कथित रूप से अभद्र व्यवहार किया और गार्ड को शिकायतकर्ता को भगाने का आदेश दे दिया। उन्होंने की यह रवैया ऐसे भ्रष्ट अधिकारी की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीसीएलआर के इस तरह के कार्य न्यायिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है।
क्या है अगला कदम?
डॉ. सलिल कुमार ने स्पष्ट किया है कि वह इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ-साथ इसकी शिकायत संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों से करेंगे।
इधर स्वाति कुमारी ने पत्रकार को पुछे जाने पर फोन पर बताई की आवेश में इस तरह की बात निकल गई है।










































